- बोले- न तो काम बचा, न ही खाने को है, पैदल जाना मजबूरी
चरखी. कोविड 19 के चलते देशभर में लॉकडाउन 2.0 की अवधि रविवार को पूरी हो चुकी है। केंद्र सरकार ने तीन चार रोज पूर्व ही नई गाइडलाइन जारी करके दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के लिए राज्य सरकारों को प्रबंध करने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन आदेशों के बाद भी प्रवासी मजदूरों को पैदल ही अपने घरों के लिए जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। 28 अप्रैल को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 शुरू होने से पूर्व ही राज्यों में फंसे हुए स्टूडेंट, मजदूरों और अन्य लोगों को वापस उनके घर भेजने के लिए आदेश जारी किए गए थे।
जिसमें एक दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को बसों से भेजने के लिए राज्यों को तालमेल बनाने के लिए कहा था। लेकिन आदेशों के बाद भी प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए जाने से मजदूरों को पैदल ही निकलना पड़ रहा है। रविवार को नारनौल चंडीगढ़ मुख्य मार्ग से प्रवासी मजदूरों का जत्था पैदल ही अपने प्रदेशों को लौट रहा था। महेंद्रगढ़ से उत्तराखंड पैदल जा रही महिलाओं, छोटे बच्चों और प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उनके पास न तो काम बचा है और न ही खाने की व्यवस्था होने के कारण पैदल जाना पड़ रहा है।
प्रशासन लगा है तैयारी में : एसडीएम
इस बारे में एसडीएम डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन इस रणनीति को बनाने के लिए लगा हुआ है। नई गाइडलाइन 4 मई से लागू होगी तब तक व्यवस्था हो जाएगी। इस दौरान मजदूरों को शेल्टर होम में रखा जा रहा है।